This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $3700/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.
देहली के बिगड़े दिल रईस कुमार साहब अपनी बीवी आरती की जायदाद हथियाना चाहते थे, जो उसकों बरशा में मिलने वाली थी, उन्होंने आरती को खंडहर में बन्द कर रक्खा था, और खुद बिजली नामक डांसर के साथ गुलछर्रे उड़ाते थे। अचानक इनको आरती के चचा का तार मिला जो अफरीका से आने वाला था। अब क्या किया जाए, चचा से अगर आरती ने सब कुछ कह दिया तो भंडा फूट जायेगा। इसी शशोपंच में थे कि खबर मिली कि आरती की एक हमशकल लड़की शोभा देहरादून डांसिंग स्कूल में तालीम हासिल कर रही है। वह वहाँ पहुँचे और शोभा को एक डांस प्रोग्राम में देख कर तसल्ली कर ली।
इतफाक से शोभा रात ट्रेन से देहली अपनी माँसे मिलने आने वाली थी। कुमार साहब भी उसी डब्बे में बैठ गए, चलती गाड़ी में कुमार साहब का हमराज़ केदार पिस्तौल ले कर दाखिल हुआ और दोनों को हैन्ड्स-अप करने को कहा। उसने शोभा का लॉकेट और पर्स और कुमार साहब की नकदी छीन ली, कुमार साहब उससे गुत्थम गुत्था हो गंए और उसका पिस्तौल गिरा दिया। केदार ने चाकू निकाल लिया और ऐन इस वक्त जब कि वो कुमार साहब पर हमला करने वाला था, शोभा ने गिरा हुआ पिस्तौल उठा कर गोली दाग दी। केदार लड़खड़ा कर गिरा। शोभा यह नज़ारा देख कर घबरा गई और बेहोश होकर गिर पडी, कुमार साहब ने यह सब नाटक शोभा को फन्दे में फेंसाने के लिए किया था, उन्होंने केदार को भाग जाने को कहा, जब शोभा को होश आया तो कुमार साहब ने कहा कि उन्हो ने केदार की लाश को चलती गाड़ी से बाहर फैंक दिया है। अब कुमार साहब इस को कठपुतली की तरह नचाने लगे, शोभा की सगाई सी.आई.डी. इन्स्पेक्टर रमेश से होने वाली थी, मगर शोभा ऐन सगाई के दिन घर से चली गई, वह भी मजबूर थी क्यों कि कुमार साहब ने उसे बुलाया था, इन्स्पेक्टर रमेश शोभा की घबराहट और परेशानीयोंका राज़ जानने के लिए इस मामला की तहकीकात करने पर तुल गया, उसके बाद क्या हुआ? तशरीफ ला कर देखिए।
[from the official press booklet]